रांची. नक्सलियों के खिलाफ मुठभेड़ में अपनी वीरता का परिचय देकर आउट ऑफ टर्म प्रमोशन पाकर आरक्षी से दरोगा बने 12 पुलिसकर्मियों फिर से आरक्षी बना दिया गया है. इसे लेकर झारखंड पुलिस के कार्मिक विभाग के द्वारा आदेश जारी किया गया है. झारखंड के सिमडेगा जिले में उग्रवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में साहस और वीरता दिखाने वाले झारखंड पुलिस के 13 पुलिसकर्मियों को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन दिया गया था. सब इंस्पेक्टर में प्रोन्नति दी गई थी जबकि एक को सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर में प्रोन्नति का लाभ मिला था. अब झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद सभी को वापस आरक्षी (सिपाही) बना दिया गया है.
दरअसल, सिमडेगा जिला बल में पदस्थापित पुलिसकर्मी अरुण कुमार ने झारखंड हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका के जरिए उन्होंने बताया था कि प्रमोशन के वक्त उनके साथियों को तो प्रमोशन दिया गया लेकिन उन्हें दरकिनार किया गया. मामले की सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया और सरकार से अपने आदेश को वापस लेने को कहा. कोर्ट की ओर से कहा गया कि गैलेंट्री में आउट ऑफ टर्म में प्रमोशन नहीं दिया जा सकता है.
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कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय की तरफ से प्रमोशन पाकर दरोगा बने सभी 12 दरोगा को फिर से आरक्षी बना दिया गया है. बात दें कि मामला 2 फरवरी 2008 का है, जब रात में उग्रवादियों के द्वारा किए गए हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए सिमडेगा जिला बल के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया था. उन्हें आउट ऑफ टर्म प्रमोशन दिया गया था.
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कौन-कौन दारोगा से वापस सिपाही बने
धनंजय कुमार सिंह, रमाकांत राय, विशु उरांव, मारवाड़ी उरांव , सालन पॉल, योध्या उरांव, महेश्वर महतो, भूतनाथ सिंह मुंडा, सुखराम नाग, मोहम्मद अबरार, उपेंद्र कुमार राय, संजय कुमार शर्मा के नाम शामिल हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 24:02 IST